अपने लिए कहीं आसरा
ढूढने से अच्छा है
हम ही लोगों के सहारा बन जाएं
किसी से प्यार मांगे
इससे अच्छा है कि
हम लोगों को अपना प्यार लुटाएं
किसी से कुछ पाने की ख्वाहिश
पालने से अच्छा है कि
हम लोगों के हमदर्द बन जाएं
जिन्दगी में सभी हसरतें पूरी नहीं होती
कुछ अपने ही हिस्से का सुख काम करते जाएं
आकाश की लंबाई से अधिक है
चाहतों के आकाश का पैमाना
सोचें दायरों से बाहर हमेशा
पर अपनी जरूरतें
दायरों में ही रखते जाएं
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आनंद उठाने का सबसे अच्छी तरीका यह है कि आप एकांत में जाकर ध्यान
लगायें-चिंत्तन (Anand Uthane ka tareeka-Chinttan)
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रोकड़ संकट बढ़ाओ ताकि मुद्रा का सम्मान भी बढ़ सके।
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हम वृंदावन में अनेक संत देखते हैं जो भल...
6 वर्ष पहले
3 टिप्पणियां:
सुन्दर कविता ! परन्तु इसका अनुकर करना बहुत कठिन है ।
घुघूती बासूती
सारगर्भित रचना...घुघुती जी आपने सही कहा बहुत कठिन है लेकिन मेरे विचार में असम्भव नहीं...
सही कहा है आपने ! आपके विचार बहुत सुंदर है , वैसे भी जब विचारों की चासनी में घुली हुई कविता सामने हो तो जुवान अपने -आप वाह-वाह ! कहने को विवश हो जाती है . एक कहावत है इस सन्दर्भ में की आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया ......!बहुत सुंदर .
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