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दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

11/16/2007

वह चला क्रिकेट मैच देखने

अपने गंजू को भी पता नहीं क्या धुन सवार हुई कहने लगा-''क्रिकेट मैच देखने स्टेडियम जाऊंगा। आप चलेंगे''
हमने कहा-''अखबार पढ़ते हो?''
वह बोला-''नहीं! इस बेकार के काम में मैं नहीं पड़ता, और जो पड़ते हैं उन पर रहम खाता हूँ। क्या सुबह-सुबह बुरी खबरें पढ़ना?''
हमने पूछा-''टीवी पर न्यूज चैनल देखते हो।''
गंजू बोला-''नहीं। उस पर इतने सारे मनोरंजक चैनल आते हैं, मुझ जैसा व्यक्ति क्यों समाचार देखने में वक्त गंवायेगा।''
हमने कहा-''हमारा दुर्भाग्य है की हम यह बेकार के काम करते हैं और उसमें मैचों को देखने वालों की जो हालत सुनते हैं उसके मद्देनजर स्टेडियम पर जाकर मैच देखने का साहस नहीं कर सकते।''
गंजू बोला-''ठीक है और कोई साथ ढूंढता हूँ। वह तो मेरा एक दोस्त बाहर चला गया इसलिए कोई साथ पाने के लिए आपके सामने प्रस्ताव रखा।''
हमने कहा-''इसके लिए शुक्रिया! तुम्हारा वह दोस्त भाग्यशाली है जो बच गया।''गंजू बोला-''आप नहीं चल रहे तो कोई और साथी ढूंढ लूंगा।''
हमने कहा-''हमारी तरफ से शुभकामनाएं स्वीकार कर लो। क्योंकि आजकल स्टेडियम के अन्दर जाकर क्रिकेट मैच देखना कोई सरल काम नहीं है।''
वह चला गया। हम भी भूल गए। मैच के अगले दिन हम सुबह देखा एक लड़का हाथ और सिर में पट्टी बांधे चला आ रहा है। वह हमारे सामने आकर खडा हो गया और नमस्कार की। पहले तो हमने उसे पहचाना नहीं फिर जब गौर से देखा तो एकदम मुहँ से चीत्कार निकल गई-''अरे गंजू तुम। यह क्या हाल बना रखा है। कहीं किसी ने पीट तो नहीं दिया।''
वह रुआंसे स्वर में बोला-''अपने यह नहीं बताया था कि इस तरह इतना बवाल भी मच सकता है। लोगों की इतनी भीड़ थी कि अन्दर जाने का मौका ही नहीं मिल पाया। पुलिस ने लाठीचार्ज किया।'' ''क्या तुम्हें भी मारा-"
हमने पूछा वह बोला-'' नहीं, भागमभाग में गिर गया। इससे तो अच्छा तो घर पर मैच देखता। वहाँ तो सारा समय अन्दर घुसने की सोचता निकल गया।''
''तुमने अखबार या टीवी देखा, हो सकता है उसमें तुम्हारे गिर कर घायल होने का फोटो छपा हो।''
हमने पूछा वह एक दम खुश हो गया और बोला-''ऐसा हो सकता है। मैं अभी जाकर देखता हूँ। मैं मैदान में कोई मैच-वैच थोडे ही देखना चाहता था, बल्कि यह सोचकर जाना चाहता था कि कहीं दर्शकों में मेरा फोटो आ गया तो अपनी गर्ल फ्रेंड पर रुत्वा जमाऊंगा। इसलिए इतनी मेहनत की। अब अगर आप कह रहे हैं तो देखता हूँ अखबार या टीवी में अगर मेरी फोटो आयी होगी तो मजा आयेगा।''
वह चला गया और हम हैरानी से सोचते रहे कि वह क्रिकेट के बारे में जानता भी है कि नहीं क्योंकि इससे पहले कभी उसने क्रिकेट पर चर्चा नहीं की।''

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