समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

12/14/2010

मौन कर रहा है बयान-हिन्दी कविता (maun ka raha hai bayan-hindi kavita)

सोचा था सिर पर भले लोग ही ताज़ पहने हैं,
मगर उनके तजुर्बे ही अपने देश के गहने हैं।
पता लगा कि वह भी सौदागरों के बुत हैं,
उनके यकीन करने के बुरे नतीज़े अब सहने हैं।
लूट की आदत बन गयी, बाज़ार में खुला व्यापार,
अभी तो बेईमानी के बहुत सारे नाले बहने हैं।
ज़माने के खजाने की पहरेदारी में जो लोग लगे
बेईमानी और रिश्वत उनकी सगी बहने हैं।
कमबख्त, उस्तादों से कौन सफाई मांग रहा है अब
मौन कर रहा बयान, जो लफ्ज़ उनको कहने हैं।
--------------

कवि,लेखक संपादक-दीपक भारतदीप,Gwalior
http://dpkraj.blogspot.com
http://dpkraj.wordpress.com

यह आलेख इस ब्लाग ‘दीपक भारतदीप का चिंतन’पर मूल रूप से लिखा गया है। इसके अन्य कहीं भी प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
अन्य ब्लाग
1.दीपक भारतदीप की शब्द पत्रिका
2.अनंत शब्दयोग
3.दीपक भारतदीप की शब्दयोग-पत्रिका
4.दीपक भारतदीप की शब्दज्ञान पत्रिका5.दीपक बापू कहिन
6.हिन्दी पत्रिका 
७.ईपत्रिका 
८.जागरण पत्रिका 
९.हिन्दी सरिता पत्रिका 

1 टिप्पणी:

शारदा अरोरा ने कहा…

अब मौन के बयान की जिम्मेदारी तो लेखकों की है ..

लोकप्रिय पत्रिकायें

हिंदी मित्र पत्रिका

यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का संकलक/संग्रहक है। जिन पाठकों को एक साथ अनेक विषयों पर पढ़ने की इच्छा है, वह यहां क्लिक करें। इसके अलावा जिन मित्रों को अपने ब्लाग यहां दिखाने हैं वह अपने ब्लाग यहां जोड़ सकते हैं। लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर