स्वार्थ में अपने इतना मत डूबे रहो कि
समय पड़ने पर अकेले पड़ जाओ
इतना भी अकेले ही न रहो कि
जिन्दगी में बिना साथी रह जाओ
अपनों से अपने लिए मोहब्बत तो सभी करते हैं
कुछ गैरों से भी निभाना सीख लो
कहीँ ऐसा न हो जब अपने दूर हो जाएँ
गैरों के शब्दों के लिए भी तरस जाओ
समाधि से जीवन चक्र स्वतः ही साधक के अनुकूल होता है-पतंजलि योग सूत्र
(samadhi chenge life stile)Patanjali yog)
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*समाधि से जीवन चक्र स्वतः ही साधक के अनुकूल होता
है।-------------------योगश्चित्तवृत्तिनिरोशःहिन्दी में भावार्थ -चित्त की
वृत्तियों का निरोध (सर्वथा रुक ज...
3 वर्ष पहले
1 टिप्पणी:
very nice indeed
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