हृदय में सूनापन लिए
बाहर तुम चकाचौंध में
प्यार क्यों ढूंढते हो
अपने मन की आँखों को बंद कर
इस भीड़ में कहाँ तुम
सुकून ढूंढते हो
अपनी जुबान से कहे लफ़्ज़ों का
मतलब तुम खुद नहीं जानते
दूसरे के कहे पर अपने दिल की
तसल्ली क्यों ढूंढते हो
हर पल पकाते हो मन में
तुम ख्याली पुलाव
दिल में सपने देखते हुए
उनमें करते हो
अपने बहलाने के लिए
चलते-फिरते खिलौने का चुनाव
कभी खिलौने में इन्सान तो
कभी इन्सान में खिलौना ढूंढते हो
अपने दिल और दिमाग
कर लिए हैं खुदगर्जी के
तंग कमरे में बन्द
अपने मतलब को पूरा करने के
हो गये हो पाबन्द
दूसरे के दिल और घरों में
फ़रिश्ते तुम क्यों ढूंढते हो
जिन्दगी एक अबूझ पहेली है
जो अपने लिए जीते हैं
उन्हें करती है मायूस
जो दूसरे के दिल का करें ख़्याल
अपने हाथों की मेहनत से
परायों को भी कर दें निहाल
उनकी यह सहेली है
तुम अपने ही हाल में
जिन्दगी की इस पहेली
का राज क्यों ढूंढते हो
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आनंद उठाने का सबसे अच्छी तरीका यह है कि आप एकांत में जाकर ध्यान
लगायें-चिंत्तन (Anand Uthane ka tareeka-Chinttan)
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रोकड़ संकट बढ़ाओ ताकि मुद्रा का सम्मान भी बढ़ सके।
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हम वृंदावन में अनेक संत देखते हैं जो भल...
7 वर्ष पहले
1 टिप्पणी:
बहुत उत्तम ख्यालात हैं:
जिन्दगी एक अबूझ पहेली है
जो अपने लिए जीते हैं
उन्हें करती है मायूस
जो दुसरे के दिल का करें ख़्याल
अपने हाथों की मेहनत से
परायों को भी कर दें निहाल
-बढ़िया.
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