सोने की तलवार
चांदी की म्यान
कौन अमीर जंग करेगा।
कागज पर खींची
आड़ी तिरछी रेखायें
जज़्बतों की सुखी स्याही
कौन रंग भरेगा।
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उन्हें क्या आजमायें
वफा निभाना
जिनको पसंद नहीं है।
क्या बोलें
उनकी बेलगाम जुबान बंद नहीं है।
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भेड़ियों को यार बनाया
कब तक वह जान बचायेंगे।
कत्ल के कारोबार में
मासूम चीखों से
कब तक कान बचायेंगे।
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