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दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

12/03/2011

पाकिस्तानी अभिनेत्री की तस्वीर का प्रकाशन और विरोध फिक्स तो नहीं-हिन्दी व्यंग्य (foro session of pak film actress and indian TV Chenal-hindi vyangya or hindi satier article)

        पाकिस्तान की एक तीसरे दर्ज की अभिनेत्री ने अपने निर्वस्त्र देह को फोटो (neud foto or potret session) खिंचवाया और उसे एक पत्रिका ने प्रकाशित कर दिया। इसका भारत का कोई लेनादेना नहीं होना चाहिए था मगर प्रचार माध्यमों ने इसे सनसनीखेज बना दिया। विज्ञापन के बीच उनका समय खूब पास हुआ क्योंकि वह अभिनेत्री भारतीय टीवी चैनलों के लिये एक ‘टाईम पास आईटम’ बन गयी है। कभी क्रिकेट मैच में फिक्सिंग तो कभी बिग बॉस में अपने घटिया प्रदर्शन से उसने भारतीय चैनलों में अपना स्थाई स्थान बना लिया है।
           यह दिलचस्प है कि भले ही कथित रूप से भारतीय संचार प्रचार माध्यमों ने आत्म नियंत्रण का दावा करना शुरु कर दिया है पर उसका पालन सुविधानुसार कर रहे हैं। पाकिस्तान की उस अभिनेत्री के निर्वस्त्र फोटो को कुछ ढंक कर तो कुछ छिप कर दिखाया। ऐसे में यह सवाल तो उठा कि यह चैनल वाले पूरी तस्वीर क्यों नहीं दिखाते। अगर अश्लील लगती है तो अधूरी दिखाकर अपने दर्शकों के निराश क्यों कर रहे हैं। अगर शालीनता की चिंता है तो फिर बिना दिखाये भी समाचार दिखाया जा सकता है।
          आखिर उस पाकिस्तानी अभिनेत्री ने ऐसा क्यों किया? दरअसल सुनने में आ रहा है कि उसके कथित स्वयंवर कार्यक्रम का आयोजन किसी भारतीय टीवी चैनल पर होना है। संभवतः उसके प्रचार के लिये ऐसा किया होगा? पाकिस्तानी चैनलों का पता नहीं पर भारतीय चैनलों ने फिर अपने देश में प्रचारित हस्ती होने का उसका रास्ता एक बार साफ कर दिया है। पहले ब्रिटेन में तीन पाकिस्तानी क्रिकेट खिलाड़ियों के फिक्सिंग में फंस जाने पर उनमें से एक से उसके बारे में बयान दिलवाया गया। यह बयान चर्चित हुआ तो वह बिग बॉस धारावाहिक में आ गयी। उस समय साफ लगा कि कथित पाकिस्तानी क्रिकेट खिलाड़ी के साथ उसके संबंध जोड़कर उसे कोई नया काम दिलवाने के लिये उसे प्रचार दिया गया था। अभी पिछले दिनों फिक्सिंग का एक बार फिर अनावश्यक विवाद खड़ा कर उसे भारतीय चैनलों पर लाया गया। तब लगा कि फिर कोई नया कार्यक्रम बनने वाला है जिसके लिये वह आने वाली है। अब पता लगा कि उसका स्वयंवर कार्यक्रम होने वाला है। लगता है कि उस स्वयंवर को लोकप्रियता दिलाने के लिये यह फोटो प्रकरण (neud seen of film actress) फिक्स किया गया है।
        इस मसले पर ढेर सारी बहसें हो रही हैं। इस बहस में एक ऐसा भारतीय अभिनेता पाकिस्तानी खिलाड़ियों तथा कलाकारों को भारत में प्रवेश का विरोध करते दिखा जिसने कुछ समय पूर्व एक पाकिस्तानी क्रिकेट खिलाड़ी और भारत की महिला टेनिस खिलाड़ी के विवाह के समय भारत पाकिस्तानी की जनता के आपसी सामंजस्य बनाने पर जोर दिया था। उसके इस तरह रूप बदलने से यह बात साफ लगी कि टीवी चैनलों पर बहस के अनुसार वक्ता अपना रवैया बदलते रहते हैं। मतलब उनके विचार स्वयं के नहीं वरन प्रायोजक के अनुसार होते हैं।
        बिग बॉस में ही काम कर चुकी उस भारतीय अभिनेत्री ने भी उस पाकिस्तान अभिनेत्री को कोसा जिसने अपने शोरशराबे से लोकप्रियता हासिल की थी। यह अलग बात है कि उसकी अश्लीलता केवल वाणी तक ही सीमित थी।
बहरहाल उस पाक अभिनेत्री की निर्वस्त्र तस्वीरों (neud seet or nangi tasveer) को देखकर उत्तेजित होने की बात है तो समझ में नहीं आता कि कथित रूप से समाज के ठेकेदारों को उसमें एतराज क्यों होता है? हम उस अभिनेत्री की नग्न तस्वीरों का समर्थन नहीं कर रहे पर सवाल यह है कि उसमें आपत्ति उठाने जैसी बात हमारे देश में क्यों हो रही है। दूसरी बात यह है कि हम अक्सर नारियों के प्रति समाज में बढ़ते अपराध को लेकर चिंताऐं जताते हैं ऐसे में अगर कोई नारी अपनी सुरक्षा को लेकर इतनी बेफिक्र हो कि अपना निर्वस्त्र फोटो खिंचवाती है और वह अखबार में छपता है तो धर्म, जाति, भाषा तथा क्षेत्र के ठेकेदार पूरे समूहों उसे खतरा क्यों मानते हैं? वह किसे डराते हैं? सामान्य नारियों को हम देखें तो वह अपने पूरे बदन को ढंकती हैं। उनके कपड़ों का रूप पुराना हो या नया, आमतौर से कोई भी नारी पूर्ण वस्त्रों के साथ ही घर से बाहर आती है। जो नहीं आती हमें उन पर आपत्ति उठाने का अधिकार नहीं है। अगर हमें शर्म आती हैं मुंह फेर लें! यह कि यह चिल्लाने लगें कि इस तरह मत चलो या कहने लगें कि यह मत पहनो। नारियों के वस्त्र, व्यवहार तथा विचारों पर नियंत्रण करने वाले पुरुष अपनी प्रतिक्रिया को रोककर यह साबित करें कि वह आत्मनियंत्रित है तब तो बात समझ में आये। भारतीय अध्यात्म की दृष्टि से आत्मनियंत्रण ही शक्ति का प्रमाण है न कि उग्र प्रतिक्रिया देकर अपनी ऊर्जा नष्ट करना।
         पाक अभिनेत्री का सहधर्मी समाज इससे परेशान है या नहीं यह कहना कठिन है-क्योंकि भारत हो या पाकिस्तान दोनों देशों का नागरिक अपनी समस्याओं से जूझ रहा है और इसे शायद ही ऐसी बातों के लिये फुर्सत हो-पर उसके ठेकेदार इस निर्वस्त्र तस्वीर से बहुत नाराज हैं। जिस तरह बाज़ार के सौदागरों ने धर्म, जाति, धर्म, क्षेत्र और समूहों के ठेकेदारों को प्रायोजित किया है उससे लगता है इस नग्न तस्वीर का प्रकाशन और उसका विरोध भी फिक्स है। खासतौर से विरोध के लिये सामने आने वाले लोग स्वयं ही विवादों में रहने वाले हैं और प्रायोजकों के दृष्टिकोण से अपने विचार बदलते रहते हैं।
वि, लेखक एवं संपादक-दीपक भारतदीप, ग्वालियर
poet,writer and editor-Deepak Bharatdeep, Gwaliro
http://rajlekh-patrika.blogspot.com

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