जिन्हें बोलना चाहिए
वह खामोश हो जाते हैं
जिन्हे खामोश होना चाहिए
वह बोले जाते हैं
कहने वाले सही कह गये
'थोथा चना बाजे घना'
पर किसे समझाने कौन सुने
कान बंद कर लें
अपना ध्यान इधर-उधर लें
किसी को करना नहीं बोलने से मना
अपने ही बोले और लिखे शब्द का अर्थ
लोग नही जानते
अनर्थ पर बहस को
लोकतंत्र का प्रतीक मानते
दूसरे के दोषों पर डालें नजर
अपने गुणों के बखान पर
गुजारे दिन-रात का हर पहर
दुरूपयोग करें हर पल का
और कीमती वक़्त बताएं अपना
आनंद उठाने का सबसे अच्छी तरीका यह है कि आप एकांत में जाकर ध्यान
लगायें-चिंत्तन (Anand Uthane ka tareeka-Chinttan)
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रोकड़ संकट बढ़ाओ ताकि मुद्रा का सम्मान भी बढ़ सके।
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हम वृंदावन में अनेक संत देखते हैं जो भल...
7 वर्ष पहले
1 टिप्पणी:
सटीक , सार गर्भित , गागर मे सागर. काश कि हम जो पढ़ते है उस अमल भी कर सकें.
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