यहाँ बोलने के लिए सब हैं आतुर
अपने बारे में सच सुनने से भयातुर
चारों और बोले जा रहे शब्द
बस बोलने के लिए
सुनता कोई नजर नहीं आता
अपनी भक्ति के गीत हर कोई गाता
जिन्दगी जीने का तरीका कोई नहीं जानता
सिखाता दूसरे को गुर
सूरज उगने के बाद उठते
और बोलना शुरू करें ऐसे जैसे दादुर (मेंढक)
सुबह से शाम तक लोग ढूढ़ते श्रोता
सच सुनने से रहते भयातुर
आनंद उठाने का सबसे अच्छी तरीका यह है कि आप एकांत में जाकर ध्यान
लगायें-चिंत्तन (Anand Uthane ka tareeka-Chinttan)
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रोकड़ संकट बढ़ाओ ताकि मुद्रा का सम्मान भी बढ़ सके।
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हम वृंदावन में अनेक संत देखते हैं जो भल...
7 वर्ष पहले
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