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दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

9/26/2011

मौके का इंतजार-हिन्दी शायरी (mauke ka intazar-hindi shayari or hindi kavita)

दर्द के पल गुजर गये,
गम के बादलों ने भी
बरसना छोड़ दिया
तब लबों पर हंसी आ ही गयी।
जिंदगी का फलसफा
जो समझे हम
इसलिये कभी बुरे हालातों पर रोये नहीं
जोर से हंसने के मौके भी नहीं गवांये
जब खुशी घर में आ ही गयी।
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कभी करना पड़ता है
मौके का इंतजार
कभी जिंदगी में जीत के मौके
सामने भी आ ही जाते हैं,
काबिल इंसान खुद बने या किस्मत बनाये
मगर मौके ही जिंदगी को बदल जाते हैं।
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वि, लेखक एवं संपादक-दीपक भारतदीप, ग्वालियर
poet,writer and editor-Deepak Bharatdeep, Gwaliro
http://rajlekh-patrika.blogspot.com

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1 टिप्पणी:

Madan Mohan Saxena ने कहा…

ख्याल बहुत सुन्दर है और निभाया भी है आपने उस हेतु बधाई
http://madan-saxena.blogspot.in/
http://mmsaxena.blogspot.in/
http://madanmohansaxena.blogspot.in/

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