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दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

7/14/2009

इस ब्लाग/पत्रिका को 8वीं वरीयता मिलना सामुदायिक प्रयासों का परिणाम-संपादकीय (editorial on ranking 8)

इस ब्लाग के साईड बार में जो एलेक्सा का प्रमाणपत्र लगा है उसे कहीं से कोई चुनौती नहीं मिली। यह दुनियां की आठवीं वरीयता प्राप्त ब्लाग/पत्रिका है-इस पर अब बहस की गुंजायश नहीं है। इसलिये अब इस पर अब भविष्य में अधिक गंभीरता से लिखने का प्रयास किया जायेगा। अभी तक यह लेखक केवल यही सोचकर चलता आ रहा था कि हिंदी में लिख रहे हैं इसलिये किसी अच्छे मुकाम पर पहुंचने की संभावना नहीं है पर जैसे ही यह ब्लाग/पत्रिका आठवीं वरीयता प्राप्त कर गया इसने नई संभावनाओं के संकेत दिये। हम उस पर इस ब्लाग पर चर्चा अब नहीं करेंगे।
सबसे पहले तो हम आभारी हैं निर्मला कपिला जी, विवेक सिंह जी, काजल कुमार जी, और संगीता पुरी जी के जिन्होंने दूसरे ब्लाग पर टिप्पणी देकर इस संपादकीय की रूपरेखा को बदल दिया। दरअसल इस लेखक के मन में इनकी टिप्पणियां देखकर यह विचार आया कि हिंदी ब्लाग जगत एकल प्रयासों से सफल नहीं हो सकता। यहां सफलता की पहली शर्त यह है कि आप बेहतर और स्वाभाविक रूप से लिखने का प्रयास करें और दूसरी यह है कि आप दूसरो का लिखा पढ़े और स्वयं भी उन पर टिप्पणियां करें। इसका लाभ आपके ब्लाग को भी मिलता है।
अनंत शब्दयोग ब्लाग/पत्रिका का विश्व स्तर पर आठवीं वरीयता में पहुंचना कोई एकल प्रयास नहीं है न अकेले इस ब्लाग पर लिखे पाठों का परिणाम है। इसके सहयोगी ब्लाग चिंतन, शब्दलेख सारथी, अंतर्जाल पत्रिका तथा अन्य ब्लाग/पत्रिकाओं के समर्थन का भी परिणाम है। आपके ब्लाग से दूसरी जगह से पाठक आते और जाते हैं यह ब्लाग के अंक बढ़ाता है। सच बात तो यह है कि अनंत शब्दयोग एक सामुदायिक ब्लाग होने के कारण आठवीं वरीयता में पहंुचा है क्योंकि इसके ईमेल से अन्य ब्लाग भी जुड़े हैं। इसमें हिंदी दिखाने वाले चारों फोरमों नारद, चिट्ठाजगत,ब्लागवाणी तथा हिंदी ब्लाग्स का भी योगदान है। सर्च इंजिनों में कई जगह यह फोरम केवल ब्लाग की वजह से ही पहुंचकर वह उसे वहां पाठक भी दिलवाते हैं। वैसे अब इस ब्लाग पर नियमित रूप से लिखा जायेगा क्योंकि इसके साथ ही इस ब्लाग लेखक की आगे की संभावनायें भी जुड़ी हुई हैं। इसके साथ ही इस ब्लाग पर अब अन्य ब्लाग मित्रों के भी लिंक भी बढ़ाये जायेंगे। इस अवसर पर सभी मित्रों और पाठकों का आभार व्यक्त करते हुए शुभकामनायें।
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यह आलेख मूल रूप से इस ब्लाग ‘अनंत शब्दयोग’पर लिखा गया है । इसके अन्य कहीं प्रकाशन के लिये अनुमति नहीं हैं। इस लेखक के अन्य ब्लाग।
1.दीपक भारतदीप का चिंतन
2.दीपक भारतदीप की हिंदी-पत्रिका
3.दीपक भारतदीप की शब्दयोग-पत्रिका
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6 टिप्‍पणियां:

निशांत मिश्र - Nishant Mishra ने कहा…

कृपया अपने विजेट के HTML/javascript को चेक करिए. अलेक्सा की आठवीं नंबर की वरीयता blogger.com को मिली है. इसीलिए यह आपकी बेबसाईट को आठवीं रैंक दिखा रहा है. हिन्दी की तो दूर, हिन्दुस्तान की किसी भी वेबसाईट को पहले 100 में स्थान नहीं मिला है.

निशांत मिश्र - Nishant Mishra ने कहा…

अलेक्सा में विश्व की शीर्षस्थ वेबसाईटों की सूची यहाँ देखें http://alexa.com/topsites/global
अलेक्सा में भारत की शीर्षस्थ वेबसाईटों की सूची यहाँ देखें http://alexa.com/topsites/countries/IN
यह स्पष्ट है की विश्व की शीर्षस्थ वेबसाईटों में भारत मूल की कोई वेबसाईट नहीं है.
अलेक्सा में ऊंची रैंकिंग (१,००,००० से कम) पाने के लिए आपकी वेबसाईट पर प्रतिदिन हजारों लोगों का आना ज़रूरी है. आपकी वेबसाईट की बैकलिंक्स भी सैंकड़ों में होना चाहिए.
वर्तमान में आपके ब्लौग की बैकलिंक्स केवल नौ हैं.
हिन्दी ब्लौगों के लिए ये आंकडें न केवल बेमानी हैं बल्कि हिंदी ब्लौगों को अभी ऊंची रंकिंग पाने में बहुत समय लगेगा. वर्तमान में शायद तस्लीम साइंस ब्लौग को दो लाख के आसपास रैंक मिली है.
इन रैन्किंग्स से भ्रमित न होकर अपने लेखन पर ही ध्यान केन्द्रित करें.
आपके ब्लौग पठनीय हैं. इन्हें देरसबेर अच्छी रैंकिंग ज़रूर मिलेगी.
शुभकामनाएं.

निशांत मिश्र - Nishant Mishra ने कहा…

खेद है की आपके ब्लौग की अलेक्सा में कोई रैंकिंग नहीं हैं. यह देखने के लिए यहाँ क्लिक करें http://alexa.com/siteinfo/anantraj.blogspot.com

तस्लीम की रैंकिंग है 2,82,517
शास्त्री फिलिप जी के ब्लौग sarathi.info की रैंकिंग है 4,45,297
रवि रतलामी जी के ब्लौग की रैंकिंग है 5,53,173
ज्ञानदत्त पाण्डेय जी के ब्लौग की रैंकिंग है 5,05,721
ब्लौगवाणी की रैंकिंग है 1,02,893
और मेरे ब्लौग hindizen.com की रैंकिंग है 4,89,314
ये सभी रैन्किंग्स दुनिया की समस्त वेबसाईटों में हैं (केवल भारत की वेबसाईटों में नहीं).

हर दिन इन अंकों में मामूली घटत-बढ़त (कुछ हज़ार ऊपर-नीचे) हो सकती है.

dpkraj ने कहा…

मिश्र जी
यह तो मैं खुद भी मानता हूं कि यह ब्लाग इतनी ऊंची वरीयता वाला नहीं हो सकता। मतलब मुझे कोई भ्रम नहीं है पर आप जाकर अलेक्सा में top sites में blogger.com को क्लिक करके self-service tool में side widgets में जाकर इस ब्लाग http://anantraj.blogspot.com का पता दबायें तो यही प्रमाण पत्र आयेगा जो हमने देखा है। मैं दुःख या खुशी से परे हूं मुझे इसकी चिंता नहीं है कि यह सब गलत है। मेरा उद्देश्य तो अंतर्जाल की खामियों पर भी ध्यान दिलाना है। आपने जो लिखा उससे मुझे खुशी हुई-सच बात कहन वाले मुझे पसंद हैं।
दीपक भारतदीप

admin ने कहा…

इसमें कोई खामी वाली बात नहीं है। चूंकि ब्‍लॉगर की अलेक्‍सा रैंकिंग 8 है, इसलिए उसपर स्‍थापित समस्‍त ब्‍लॉग जिनकी अपनी रैंकिंग नहीं होती, 8 ही दिखाता है। लेकिन जब एक निश्चित लिमिट के बाद ब्‍लॉग अपनी रैंकिंग हासिल कर लेता है, तब अलेक्‍सा उस पर्टिकुलर ब्‍लॉग की रैंकिंग दिखाने लगता है। शायद यह लिमिट एक करोण के आस पास है।

-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

संजय सिंह ने कहा…

Aap ko dheron badhai. Hamare liye garv kee baat hai ki ek hindi shabdjaal patrika vishwa ki top ten patrikaaon mein hai.

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