तुम जैसा कहो वैसा मैं लिख नहीं सकता
तुम चाहो तो तुम्हारा लिखा
अपनी अनिच्छा से पढ़ नहीं सकता
शब्द है जिसके आभूषण
व्याकरण है जिसकी लज्जा
भाषा हैं वह सुंदरी
जिसका बिना प्यार के
किसी से संबंध नहीं हो सकता
तुम्हारी भाषा के मतलब तुम जानो
मेरी भाषा
मेरे दर्द में हमदर्द
खुशी में सहृदय होती है
उसके और मेरे बीच तुम्हारा
कोई स्थान हो नहीं सकता
पीडा में जो दवा का काम करे
उखडती साँसों में जो हवा का काम करे
उस भाषा के शब्दों का
बंटवारा हो नहीं सकता
फिर भी हम तुम और मैं
साथ चल सकते हैं
अगर मेरा तुम्हारा दर्द एक जैसा हो
जैसा मेरा सपना
तुम्हारा भी वैसा हो
भाषा होती है एक पर विषय होते भिन्न
वासना से भरा प्यार
कभी परवान नहीं चढता
विश्वास के बिना दोस्ती का रंग नहीं बनता
दिल में जगह हो तो
भाषा और विषय अलग-अलग होने पर भी
प्यार और दोस्ती का सफ़र है
बहुत अच्छी तरह चल सकता
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समाधि से जीवन चक्र स्वतः ही साधक के अनुकूल होता है-पतंजलि योग सूत्र
(samadhi chenge life stile)Patanjali yog)
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*समाधि से जीवन चक्र स्वतः ही साधक के अनुकूल होता
है।-------------------योगश्चित्तवृत्तिनिरोशःहिन्दी में भावार्थ -चित्त की
वृत्तियों का निरोध (सर्वथा रुक ज...
3 वर्ष पहले
1 टिप्पणी:
विश्वास के बिना दोस्ती का रंग नहीं बनता
दिल में जगह हो तो
भाषा और विषय अलग-अलग होने पर भी
प्यार और दोस्ती का सफ़र है
बहुत अच्छी तरह चल सकता
--सत्य वचन. उम्दा विचार.
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