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6/04/2010

चिराग और शमां-हिन्दी शायरी (chirag aur shama-hindi shayari)

चिराग के सहारे शमां खड़ी है,
पर अपनी आजादी के लिये हमेशा लड़ी है।
मुश्किल यह है कि
चिराग और शमां के मिलाप से पैदा होती रौशनी का
हिसाब कोई नहीं करता,
बस, थोड़ी हवो से हिचकौले खाती
शमां की गुलामी पर हर कोई आहें भरता,
लोग देखना चाहते हैं
दोनों के अलग अलग होने का मंजर
शैतान बैठा है सभी के अंदर,
हो जाये जमाने में हादसा तो,
दर्द भरे बयान लिख कर जज़्बात बटोरे जायें,
कुछ नाम तो कुछ नामा पायें,
इसलिये अंधेरों से कई शायरियां भरी पड़ी हैं
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कवि,लेखक संपादक-दीपक भारतदीप,Gwalior
http://dpkraj.blogspot.com

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