समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

10/09/2007

प्यार और भाषा

तुम जैसा कहो वैसा मैं लिख नहीं सकता
तुम चाहो तो तुम्हारा लिखा
अपनी अनिच्छा से पढ़ नहीं सकता
शब्द है जिसके आभूषण
व्याकरण है जिसकी लज्जा
भाषा हैं वह सुंदरी
जिसका बिना प्यार के
किसी से संबंध नहीं हो सकता

तुम्हारी भाषा के मतलब तुम जानो
मेरी भाषा
मेरे दर्द में हमदर्द
खुशी में सहृदय होती है
उसके और मेरे बीच तुम्हारा
कोई स्थान हो नहीं सकता
पीडा में जो दवा का काम करे
उखडती साँसों में जो हवा का काम करे
उस भाषा के शब्दों का
बंटवारा हो नहीं सकता

फिर भी हम तुम और मैं
साथ चल सकते हैं
अगर मेरा तुम्हारा दर्द एक जैसा हो
जैसा मेरा सपना
तुम्हारा भी वैसा हो
भाषा होती है एक पर विषय होते भिन्न
वासना से भरा प्यार
कभी परवान नहीं चढता
विश्वास के बिना दोस्ती का रंग नहीं बनता
दिल में जगह हो तो
भाषा और विषय अलग-अलग होने पर भी
प्यार और दोस्ती का सफ़र है
बहुत अच्छी तरह चल सकता
-----------------------

1 टिप्पणी:

Udan Tashtari ने कहा…

विश्वास के बिना दोस्ती का रंग नहीं बनता
दिल में जगह हो तो
भाषा और विषय अलग-अलग होने पर भी
प्यार और दोस्ती का सफ़र है
बहुत अच्छी तरह चल सकता


--सत्य वचन. उम्दा विचार.

लोकप्रिय पत्रिकायें

हिंदी मित्र पत्रिका

यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का संकलक/संग्रहक है। जिन पाठकों को एक साथ अनेक विषयों पर पढ़ने की इच्छा है, वह यहां क्लिक करें। इसके अलावा जिन मित्रों को अपने ब्लाग यहां दिखाने हैं वह अपने ब्लाग यहां जोड़ सकते हैं। लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर