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दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

8/18/2015

इसलिये सभ्य कहलाते हैं-हिन्दी व्यंग्य कविता(isliye sabhya kahlate hain-hindi satire poem)

वह अंग्रेजी में पढ़े
इसलिये सभ्य कहलाते हैं।

एक दूसरे को
अंग्र्रेजी में देते गाली
इसलिये सभ्य कहलाते हैं।

कहें दीपक बापू गनीमत है
अक्लमंदों को अंग्रेजी नहीं आती
वरना वर्तनी दोष निकालते
हिंग्लिश के दीवानों की
पोल नहीं खुलती
इसलिये सभ्य कहलाते हैं।
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लेखक एवं कवि-दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप 
ग्वालियर मध्य प्रदेश

Writer and poet-Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
Gwalior Madhyapradesh


वि, लेखक एवं संपादक-दीपक भारतदीप, ग्वालियर
poet,writer and editor-Deepak Bharatdeep, Gwaliro
http://rajlekh-patrika.blogspot.com

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