उसके नाम पर चल रहा है
पूरी दुनिया का राज्य
पर उसे खबर नहीं
अरबों रुपये की मदद आती है
पर उसे मिलती नहीं
अस्पतालों में ढेर चिकित्सक
इलाज में जुटे हैं
दवाओं के नाम पर
लाखों के ढेर लुटे हैं
पर फिर भी
स्वास्थ्य उसे नसीब नहीं
अनेक लेखकों ने बेचा उसका दर्द
पढ़ने वाले बने हमदर्द
पर उसे किसी का साथ मिलता नहीं
गरीब अभी भी जूझता है
अपनी जिन्दगी से
भले ही उसके अहसास पर लगी
प्रदर्शनी में उसका फोटो
देखकर वाह-वाही होती है
पर उसके शख्सियत के दर्शन से
किसी को भी खुशी मिलती नहीं
-------------------
समाधि से जीवन चक्र स्वतः ही साधक के अनुकूल होता है-पतंजलि योग सूत्र
(samadhi chenge life stile)Patanjali yog)
-
*समाधि से जीवन चक्र स्वतः ही साधक के अनुकूल होता
है।-------------------योगश्चित्तवृत्तिनिरोशःहिन्दी में भावार्थ -चित्त की
वृत्तियों का निरोध (सर्वथा रुक ज...
3 वर्ष पहले
1 टिप्पणी:
दीपक जी,बहुत बढिया रचना है।
एक टिप्पणी भेजें