प्रिय नारद,
इस तरह अगर हिंदी लिखावोगे तो मैं अंग्रेजी केसी लिखूंगा यह मेरी समझ मैं नहीं आ रहा है यह पंक्ति लिखते लिखते मैं कुश सोच रहा हूँ पर वह बाद मैं ही लिखूंगा क्यूंकि जीतनी देर मैं इतना लिखा है उतनी देर मैं एक व्यंग्य लिख सकता हूँ । बहरहाल आपने मेरे ब्लोग पर दृष्टि डाली होगी। आप कि प्रतिक्रिया का मुझे इन्तजार रहेगा।
आपका दीपक राज kukreja
समाधि से जीवन चक्र स्वतः ही साधक के अनुकूल होता है-पतंजलि योग सूत्र
(samadhi chenge life stile)Patanjali yog)
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*समाधि से जीवन चक्र स्वतः ही साधक के अनुकूल होता
है।-------------------योगश्चित्तवृत्तिनिरोशःहिन्दी में भावार्थ -चित्त की
वृत्तियों का निरोध (सर्वथा रुक ज...
3 वर्ष पहले
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