बंद तिजोरियों को सोने और रुपयों की
चमक तो मिलती जा रही है
पर धरती की हरियाली
मिटती जा रही है
अंधेरी तिजोरी को चमकाते हुए
इंसान को अंधा बना दिया है
प्यार को व्यापार
और यारी को बेगार बना दिया है
हर रिश्ते की कीमत
पैसे में आंकी जा रही है
अंधे होकर पकडा है पत्थर
उसे हाथी बता रहे हैं
गरीब को बदनसीब और
और छोटे को अजीब बता रहे हैं
दौलत से ऐसी दोस्ती कर ली है की
इस बात की परवाह नहीं कि
इंसान के बीच दुश्मनी बढ़ती जा रही है
आनंद उठाने का सबसे अच्छी तरीका यह है कि आप एकांत में जाकर ध्यान
लगायें-चिंत्तन (Anand Uthane ka tareeka-Chinttan)
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रोकड़ संकट बढ़ाओ ताकि मुद्रा का सम्मान भी बढ़ सके।
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हम वृंदावन में अनेक संत देखते हैं जो भल...
7 वर्ष पहले
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