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दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

10/27/2007

नये सच का पर्दाफाश

ब्लोगर धड़धडाता घर के अन्दर घुसा और अपने कंप्यूटर पर जम गया। पत्नी ने पूछा-'क्या बात है इतनी तेजी से घर में घुसे और सीधे कंप्यूटर पर बैठ गए। सब ठीक तो हैं न!'
'सब ठीक है'-ब्लोगर ने कहा'-आज मैं सच का पर्दाफाश करके रहूँगा। तुम्हें याद हैं न! पिछले सप्ताह मैं बाहर साइकिल पर किराना खरीदने गया था और सामान लेकर बिना साइकिल लिए घर चला आया। याद आने पर जब वापस गया तो देखा साइकिल गिरी पडी है। वहाँ दुकानदार ने बताया की उसे एक भैंस गिरा कर गई। मैं जब भैस वाले के घर गया तो कहने लगा की मेरी भैस तो वहाँ गयी ही नहीं थी वह मेरे पड़ोस में काली गाय रहती है वही गिराकर आयी होगी। मैं गाय वाले के पास गया तो वह कहने लगा की मेरे पीछे वाले मकान में एक काली बकरी है वह गिराकर आयी होगी। मैं उसके पास गाता तो उसने बताया की उसको बकरी बेचे ही दो महीने हो गए हैं। आज मैं पता लगाकर आया हूँ की मेरी साइकिल को तो भैंस ही गिरा कर गई थी। आज मैं सारे हिन्दुस्थान को बता दूंगा की मेरी साइकिल को भैंस गिरा कर गई थी।'

पत्नी ने कहा-''यह भला क्या सच है जो कोई नहीं जानता। सब बता रहे हैं की तुम्हारी साइकिल को भैंस गिराकर गयी है। तुम उसका क्या कर लोगे? उसके मालिक से झगडा करके तो आये और उसने माफ़ी भी मांग ली। अब बचा क्या है?'
' नहीं! अभी सच सामने नहीं आया था। वह कह रहा था कि 'अगर मेरी भैसं गिराकर गयी है तो मैं माफ़ी मांगता हूँ'। यह नहीं चलेगा। उस दिन एक लड़के ने अपने मोबाइल कैमरे से उसकी भैंस द्वारा मेरी साइकिल गिराने का दृश्य शूट किया था आज उसने मुझे वह दिया है। उसे अपने ब्लोग पर रखूंगा। सबके सामने सच आ जायेगा।'

पत्नी ने कहा-'पता नहीं कितनी बार उस पर लिख चुके हो। अब उसमें नया क्या है? जो लोग तुम्हारा लिखा पढ़ते हैं सबको पता है कि तुम्हारी साइकिल कोई भैंस गिराकर गई थी।'

''नही। अब सबूत समेत रखूंगा। एक दम नये तरह से और लिखूंगा ' नये सच का पर्दाफाश'।
पत्नी ने पूछा-'' पर इसमें नया क्या है?'
'यह तुम नहीं समझोगी।'ब्लोग लेखक ने कहा और लिखने बैठ गया।

2 टिप्‍पणियां:

अविनाश वाचस्पति ने कहा…

ब्लागर को तो लिखने का बहाना चाहिए
सच है,सबूती सच सबको बताना चाहिए

रवीन्द्र प्रभात ने कहा…

वैसे आप अपने अनुभवों का वेहतर इस्तेमाल किया है!

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