समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

12/19/2016

मुद्रा की राशनिंग रहते ही कालेधन वालों नज़र रखी जा सकती है-हिन्दलेख (Cotrol on currency And Black Money-Hindi Article


मुद्रामंदी जब लागू हुई तभी हमने कहा था कि इसके परिणाम भविष्य में ही दिखाई देंगे। हम तमाम घटनायें देख रहे हैं और ऐसा लग रहा है कि समाचारों के रूप में कोई नोटबंदी या मुद्राबंदी के शीर्षक से कोई फिल्म चल रही है। कोई भक्त नहीं कह पायेगा न लिख पायेगा कि जब तक मुद्रा पर अघोषित राशनिंग रहेगी तब तक मदंाध कालाधन वाले पकड़े जायेंगे।  हम तो स्वतंत्र विचाराधारा वाले हैं सो अपनी सोच के अनुसार विश्लेषण करते रहते हैं। जब तक मुद्रा पर राशनिंग रहेगी तब तक कालाधन वालों पर सहज नज़र रहेगी।  यह मदांध धन खर्च किये बिना मान नहीं सकते क्योंकि उनके लिये यह भाग्य की ऐसी कृपा है जिसे दिखाना जरूरी है। 
एक घटना लोगों को याद होगी। अभी गुजरात के सूरत में एक चाय भजियेवाला पकड़ा गया है।  दरअसल गुजरात में एक कार्यक्रम हुआ था जिसमें दो दो हजार के नोट उड़ाये गये। यह सभी टीवी चैनलों पर दिखाया गया था।  मगर देश के खुफिया सूत्रों ने ढूंढ निकाला।  वह करोड़पति चाय भजिये वाले का लड़का था।  यकीनन पहले लड़के के बारे में जानकारी ली गयी होगी फिर भजियेवाले का इतिहास ढूंढा गया होगा।  इस भजियेवाले ने भ्रष्टाचारियों से दो दो हजार के नोट थोक में ले लिये थे।  उसका लड़का एक कार्यक्रम में वही लेकर पहुंचा होगा और जब यह समाचार टीवी के रूप में आया तो उसके कुछ समय बाद बाप की भी पकड़ हो गयी।  हम पहले भी कह चुके हैं कि समस्या हमें आर्थिक नहीं वरन् सामाजिक ज्यादा लगती है। इन धन में मदांध लोगों ने समाज में गरीब तथा मध्यम वर्ग के लोगों में अपने दिखावे से जो कुंठा पैदा कर रखी थी वही हमें चिढ़ाती थी। हमारा तो यह मानना है कि मुद्रा पर यह राशनिंग कम से कम छह महीने अभी जारी रहना चाहिये। इन धन में मदांध लोगों के पास सब्र नहीं होता और खर्च करने पर यह पकड़ ही जायेंगे।

कोई टिप्पणी नहीं:

लोकप्रिय पत्रिकायें

हिंदी मित्र पत्रिका

यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का संकलक/संग्रहक है। जिन पाठकों को एक साथ अनेक विषयों पर पढ़ने की इच्छा है, वह यहां क्लिक करें। इसके अलावा जिन मित्रों को अपने ब्लाग यहां दिखाने हैं वह अपने ब्लाग यहां जोड़ सकते हैं। लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर