घर में उसे अकेलापन डराने लगा
और वह भीड़ में पहुंचा
उससे बचने के लिए
वहाँ भी उसने सबको अकेले
अपने लिए ही सोचते देखा
भीड़ में सब बोल रहे थे
पर कोई खडा नहीं था सुनने के लिए
उसने सोचा वही
जब सब अपना दर्द सूना रहे हैं तो
स्वयं हीसबकी सुन लेता है
शायद बाद में कोई तैयार हो जाये
उसकी बात सुनने के लिए
सबकी बात सुनते वह हैरान हो गया
भूल गया कि उसका दर्द क्या था
जिसको लेकर वह इतना परेशान हो गया
वह चल पडा फिर अपने घर
दूसरों के दर्द की तस्वीर लिए
अब वह अकेला नहीं था
दूसरों की आपबीती भी उसके साथ थी
उसे अकेलेपन में समझाने के लिए
आनंद उठाने का सबसे अच्छी तरीका यह है कि आप एकांत में जाकर ध्यान
लगायें-चिंत्तन (Anand Uthane ka tareeka-Chinttan)
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रोकड़ संकट बढ़ाओ ताकि मुद्रा का सम्मान भी बढ़ सके।
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हम वृंदावन में अनेक संत देखते हैं जो भल...
7 वर्ष पहले
1 टिप्पणी:
आपने बहुत बढि़या लिखा है। पढ़कर अच्छा लगा,बहुत खूब!
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