समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

7/17/2016

धर्म प्रचार पर चल रहा संग्राम-दीपकबापू वाणी (Dhama Pracha par chal rah sangram-DeepakBapu Wani)

प्रतिदिन लग रहा आतंक का दाग, प्रचारक भी पाते विज्ञापन में भाग।
‘दीपकबापू’ बहलने का ढूंढते बहाना, लोग मांगें श्रृंगार या रक्त राग।।
-----------------
भ्रष्टाचार से जमकर जंग जारी है, शिष्टाचार से भी भागीदारी है।
‘दीपकबापू’ भरमाने में माहिर, नज़र से बचने की कवायद सारी है।
-------------
उपाधियों का यहां बाज़ार लगा है, अयोग्यता ने प्रतिष्ठा को ठगा है।
‘दीपकबापू’ अशिक्षित रहे ईमानदार, शिक्षितों के शब्दकोष में दगा है।।
-----------------
धर्म प्रचार पर चल रहा संग्राम, एक सर्वशक्तिमान रखे अनेक नाम।
‘दीपकबापू’ उपदेशों का करें धंधा, शब्द बेचकर भरते जेब में दाम।।
-----------------
मनुष्यों के होते भिन्न स्वभाव, प्यासे को दे पानी कोई  करे घाव।
‘दीपकबापू’ कभी रंग कभी बेरंग, संसार मे दिखे दृष्टि जैसा भाव।।
----------------
मौके का सभी फायदा उठाते, न मिले तो विरोध में कायदा जुटाते।
‘दीपकबापू’ काम की नीयत नहीं, प्रतिष्ठा के लिये सभी वादा लुटाते।।
-----------------

कोई टिप्पणी नहीं:

लोकप्रिय पत्रिकायें

हिंदी मित्र पत्रिका

यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का संकलक/संग्रहक है। जिन पाठकों को एक साथ अनेक विषयों पर पढ़ने की इच्छा है, वह यहां क्लिक करें। इसके अलावा जिन मित्रों को अपने ब्लाग यहां दिखाने हैं वह अपने ब्लाग यहां जोड़ सकते हैं। लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर