प्रिय नारद,
इस तरह अगर हिंदी लिखावोगे तो मैं अंग्रेजी केसी लिखूंगा यह मेरी समझ मैं नहीं आ रहा है यह पंक्ति लिखते लिखते मैं कुश सोच रहा हूँ पर वह बाद मैं ही लिखूंगा क्यूंकि जीतनी देर मैं इतना लिखा है उतनी देर मैं एक व्यंग्य लिख सकता हूँ । बहरहाल आपने मेरे ब्लोग पर दृष्टि डाली होगी। आप कि प्रतिक्रिया का मुझे इन्तजार रहेगा।
आपका दीपक राज kukreja
आनंद उठाने का सबसे अच्छी तरीका यह है कि आप एकांत में जाकर ध्यान
लगायें-चिंत्तन (Anand Uthane ka tareeka-Chinttan)
-
रोकड़ संकट बढ़ाओ ताकि मुद्रा का सम्मान भी बढ़ सके।
---
हम वृंदावन में अनेक संत देखते हैं जो भल...
7 वर्ष पहले
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें