tag:blogger.com,1999:blog-6344675089904458804.post8141457278559250557..comments2023-08-05T15:28:50.345+05:30Comments on दीपक भारतदीप की अनंत शब्दयोग पत्रिका: नारद का मोह न छोड़ें, पर दूसरी चौपालों पर भी जाएँdpkrajhttp://www.blogger.com/profile/11143597361838609566noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-6344675089904458804.post-6185338853699795572007-07-17T06:36:00.000+05:302007-07-17T06:36:00.000+05:30सही लिखा है। नारद के अलावा दूसरे संकलक आने से नारद...सही लिखा है। नारद के अलावा दूसरे संकलक आने से नारद को भी सहायता मिलेगी अपने स्वरूप में सुधार के लिये। वियुज के बारे में बतायें।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6344675089904458804.post-35592611720984280222007-07-17T06:25:00.000+05:302007-07-17T06:25:00.000+05:30अब एग्रीगेटर्स का जैसा भी है, आपके विचार बहुत बढ़िय...अब एग्रीगेटर्स का जैसा भी है, आपके विचार बहुत बढ़िया है. जरा वियुज के विषय में विस्तार से बताया जाये. हमें इस विषय में तनिक भी ज्ञान नहीं है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6344675089904458804.post-78086331105862311172007-07-17T00:08:00.000+05:302007-07-17T00:08:00.000+05:30दीपक जी बहुत बढिया और सटीक लिखा है।मै आप की बात से...दीपक जी बहुत बढिया और सटीक लिखा है।मै आप की बात से सहमत हूँ।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6344675089904458804.post-68708051844552715542007-07-16T22:43:00.000+05:302007-07-16T22:43:00.000+05:30जिनके निज पत्रक वर्ड प्रेस पर हैं उन्हें तो वियुज ...<I>जिनके निज पत्रक वर्ड प्रेस पर हैं उन्हें तो वियुज से पता लग जाता है|</I><BR/><BR/>ये वियुज क्या है?ePandithttps://www.blogger.com/profile/15264688244278112743noreply@blogger.com