tag:blogger.com,1999:blog-6344675089904458804.post2955494928009208839..comments2023-08-05T15:28:50.345+05:30Comments on दीपक भारतदीप की अनंत शब्दयोग पत्रिका: कौन बनेगा करोड़पति-हिन्दी व्यंग्य क्षणिकाएँ (kaun banega karodpati-hindi vayngya kshanikaen or hindi short poem)dpkrajhttp://www.blogger.com/profile/11143597361838609566noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-6344675089904458804.post-34072882351490213182011-11-08T18:59:58.698+05:302011-11-08T18:59:58.698+05:30दीपक भारत दीप जी बहुत सुन्दर वक्तव्य आप के ..रचना ...दीपक भारत दीप जी बहुत सुन्दर वक्तव्य आप के ..रचना ने बहुत कुछ मर्म कह डाला <br />भ्रमर ५ <br /><br />पर्दे पर करोड़ों के खेल चल रहे हैं,<br />भूखों में रोटी के सपने भी पल रहे हैं।<br />सौदागरों ने हड़प ली बाज़ार कि रोशनी<br />गरीबों के घर टिमटिमाते दीपक जल रहे हैं।Surendra shukla" Bhramar"5https://www.blogger.com/profile/11124826694503822672noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6344675089904458804.post-37333198572790610222011-11-08T18:59:52.699+05:302011-11-08T18:59:52.699+05:30दीपक भारत दीप जी बहुत सुन्दर वक्तव्य आप के ..रचना ...दीपक भारत दीप जी बहुत सुन्दर वक्तव्य आप के ..रचना ने बहुत कुछ मर्म कह डाला <br />भ्रमर ५ <br /><br />पर्दे पर करोड़ों के खेल चल रहे हैं,<br />भूखों में रोटी के सपने भी पल रहे हैं।<br />सौदागरों ने हड़प ली बाज़ार कि रोशनी<br />गरीबों के घर टिमटिमाते दीपक जल रहे हैं।Surendra shukla" Bhramar"5https://www.blogger.com/profile/11124826694503822672noreply@blogger.com