tag:blogger.com,1999:blog-6344675089904458804.post940420389530843651..comments2023-08-05T15:28:50.345+05:30Comments on दीपक भारतदीप की अनंत शब्दयोग पत्रिका: वैचारिक महाभारत की आवश्यकता-आलेख (baba shri ramdev,shri shri ravishankar & shri gita)dpkrajhttp://www.blogger.com/profile/11143597361838609566noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-6344675089904458804.post-56889026338375795822009-08-12T21:32:51.215+05:302009-08-12T21:32:51.215+05:30दीपक जी आँखें खोलने वाली आलेख लिखा है आपने | बिलकु...दीपक जी आँखें खोलने वाली आलेख लिखा है आपने | बिलकुल सही लिखा है |<br /><br />"अपने अध्यात्म ज्ञान से हमारे देश का शिक्षित वर्ग इतना दूर हो गया है कि वह अन्य धर्मों के लोगों द्वारा रखे गये कुतर्कों का जवाब नहीं दे पाता। " बिलकुल सही कहा है | अपने लोगों को अध्यात्म मैं रूचि ही नहीं है | कुतर्कों का जवाब देने को अपना धर्म ही नहीं समझते हम लोग | कुछेक लोग यदि जवाब देते भी हैं तो तथाकथित बुद्दिजीवी लोग उन्हें साम्रदायिक, संघी, भाजपा वाले और ना जाने क्या क्या बोलकर उसका उत्साह ही तोड़ देते हैं | <br /><br />इसमें कोई सक नहीं की बाबा रामदेव, सही रवि शंकर जी अच्छा काम कर रहे हैं और इनके साथ साथ कुछ और बाबा या 'स्वाध्याय' जैसे अध्यात्मिक संगठन अच्छा काम कर रहे हैं | पर सभी अपने अपने ढंग से अलग अलग कार्य करने के साथ साथ एक दुसरे का जम कर विरोध भी कर रहे हैं | <br /><br />वैसे तो बहुत कुछ लिखना चाहता हूँ पर यहाँ (टिपण्णी) पर ज्यादा लिख नहीं सकता |Rakesh Singh - राकेश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/03770667837625095504noreply@blogger.com