tag:blogger.com,1999:blog-6344675089904458804.post6279524284185672447..comments2023-08-05T15:28:50.345+05:30Comments on दीपक भारतदीप की अनंत शब्दयोग पत्रिका: मूर्ख लिखते हैं और समझदार पढ़ते हैं-हास्य व्यंग्यdpkrajhttp://www.blogger.com/profile/11143597361838609566noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-6344675089904458804.post-8893536558432706632008-03-15T23:52:00.000+05:302008-03-15T23:52:00.000+05:30देखिए हम तो समझदार है न जी पढ़ कर भी जा रहे है और ट...देखिए हम तो समझदार है न जी पढ़ कर भी जा रहे है और टिप्पिया कर भी, डबल समझदार, क्या कहते है, पत्नी जी से पूछ कर बताएं वो ज्यादा समझदार लगती हैं, एक बिस्कुट इधर भी पास कर दिजिए प्लीज्…:)Anita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6344675089904458804.post-83895468666994970552008-03-15T23:21:00.000+05:302008-03-15T23:21:00.000+05:30बहुत बढि्या लिखा है।बहुत बढि्या लिखा है।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6344675089904458804.post-62539655008600531992008-03-15T21:37:00.000+05:302008-03-15T21:37:00.000+05:30बहुत सही कहा आपने , श्रेष्ठ व्यंग्य, सुंदर अभिव्यक...बहुत सही कहा आपने , श्रेष्ठ व्यंग्य, सुंदर अभिव्यक्ति !रवीन्द्र प्रभातhttps://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.com