tag:blogger.com,1999:blog-6344675089904458804.post1213324659843403139..comments2023-08-05T15:28:50.345+05:30Comments on दीपक भारतदीप की अनंत शब्दयोग पत्रिका: अकडम-बकडम लिखते तो हिट हो जातेdpkrajhttp://www.blogger.com/profile/11143597361838609566noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-6344675089904458804.post-3590742090651805202007-09-13T02:12:00.000+05:302007-09-13T02:12:00.000+05:30इतना लम्बा लेख लिखा कि पढते हुए हम कुछ छोटे हो गये...इतना लम्बा लेख लिखा कि पढते हुए हम कुछ छोटे हो गये. थोडा कम मे कहते तो और मजा आता.बसंत आर्यhttps://www.blogger.com/profile/15804411384177085225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6344675089904458804.post-54228984156200615132007-09-12T22:59:00.000+05:302007-09-12T22:59:00.000+05:30अच्छा व्यंग है. लंबाई कम करके 300 शद्बों मे हर चीज...अच्छा व्यंग है. लंबाई कम करके 300 शद्बों मे हर चीज को समेटने की कोशिश करो -- शास्त्री जे सी फिलिप<BR/><BR/><BR/><BR/>आज का विचार: चाहे अंग्रेजी की पुस्तकें माँगकर या किसी पुस्तकालय से लो , किन्तु यथासंभव हिन्दी की पुस्तकें खरीद कर पढ़ो । यह बात उन लोगों पर विशेष रूप से लागू होनी चाहिये जो कमाते हैं व विद्यार्थी नहीं हैं । क्योंकि लेखक लेखन तभी करेगा जब उसकी पुस्तकें बिकेंगी । और जो भी पुस्तक विक्रेता हिन्दी पुस्तकें नहीं रखते उनसे भी पूछो कि हिन्दी की पुस्तकें हैं क्या । यह नुस्खा मैंने बहुत कारगार होते देखा है । अपने छोटे से कस्बे में जब हम बार बार एक ही चीज की माँग करते रहते हैं तो वह थक हारकर वह चीज रखने लगता है । (घुघूती बासूती)Shastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6344675089904458804.post-28609663919890051852007-09-12T22:58:00.000+05:302007-09-12T22:58:00.000+05:30आपने तो हमे confuse ही कर दिया। वैसे ब्लोगर्स पर ...आपने तो हमे confuse ही कर दिया। वैसे ब्लोगर्स पर व्यंग ?mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6344675089904458804.post-23328577913441721562007-09-12T21:36:00.000+05:302007-09-12T21:36:00.000+05:30दीपक जी,अच्छा व्यंग्य किया है ब्लोगर ... पर।दीपक जी,अच्छा व्यंग्य किया है ब्लोगर ... पर।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6344675089904458804.post-1950521267557683842007-09-12T20:05:00.000+05:302007-09-12T20:05:00.000+05:30वाह भाई आखिरी चेतावनी तो जोरदार है .... सचमुच मज़ा...वाह भाई आखिरी चेतावनी तो जोरदार है .... सचमुच मज़ा आ गयाSajeevhttps://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.com